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दास्तान-ए-दिल (Contest)

mere vichar
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कभी हमें अपना
बनाकर तो देखो
दास्तान-ए-दिल बयां
करके तो देखो
हसरतें पूरी कर दूंगा एक पल में तेरी
हमें अपनी चाहत बता कर तो देखो

तेरे साथ न रहकर भी
तेरे साथ रहेंगें
तेरे चेहरे को तसव्वुर
में लाते रहेंगें
कर दूंगा मैं तेरे नाम अपनी ज़िंदगी
हमे अपनी रज़ा बता कर तो देखो

कर देंगे सुराख़
आसमां में भी
डूब निकलेंगे आग
के दरिया से भी
बना लेंगे हम तूफानों में भी आशियाना
हमे अपना तिनका बना कर तो देखो

जी लेंगें तेरे साथ
होने के अहसास पर
मर मिटेंगे तेरी आँखों
के इशारों पर
गर हो कोई सजा इश्क़ करने की
तो वह सजा हमे बताकर तो देखो।

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